हमारी गौशाला – डा. यशवंत सिंह परमार गौसदन – की क्षमता बड़ाई जा रही है

आवारा जानवरों पर सर्दियों के महीने विशेष रूप से कठिन होते हैं, और इस मुद्दे पर तुरंत कुछ किया जाना चाहिए।

आवारा पशुओं का मुद्दा हिमाचल प्रदेश के उच्च न्यायालय के विचार में भी है, और नागरिक भी सरकार को इस मुद्दे का हल करने के लिए लिख रहे हैं।

हिमाचल प्रदेश में सरकार द्वारा 500 रु प्रति माह प्रति मवेशी उपलब्ध कराया जा रहा है। हम इस सहायता की सराहना करते हैं, परन्तु इन जानवरों के रखरखाव के लिए ये पर्याप्त नहीं है, जिसमें न केवल उनका चारा शामिल है, बल्कि अन्य लागत जैसे श्रम व्यय, चिकित्सा व्यय, और बुनियादी ढांचे के लिए किए गए निर्माण के खर्च शामिल हैं।

हिम गौ संरक्षण समिति आवारा पशुओं के हित के हेतु कार्यवृत है। सभी निर्माण स्थानीय सामग्री का उपयोग करके किया जा रहा है। आप चित्रों में निर्माण कार्य देख सकते हैं।

इस नयी शालिका के पूरे होने के बाद हम 50 से 100 और पशु रख पाएंगे। इस समय हमारी गौशाला में 260 पशु हैं।

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